नई दिल्ली: उत्तराखंड के ऋषि गंगा क्षेत्र में आए बर्फीले तूफान (Uttarakhand Glacier Disaster) में लापता हुए लोग अभी तक आधिकारिक तौर पर मृत नहीं माने गए हैं. हालांकि अब राज्य एवं केंद्र सरकार लापता लोगों को मृतकों की श्रेणी में रखने की कार्रवाई करने जा रही है. इसके लिए लापता लोगों का दोबारा से नाम पता व पहचान हासिल की जाएगी. उत्तराखंड में आई इस त्रासदी में कुल 204 लोग लापता हुए थे. इनमें से अभी तक 68 व्यक्तियों के शव बरामद किए जा चुके हैं, जबकि 136 व्यक्ति अभी भी लापता हैं.
कहां से मिलेगा Death Certificate?
उत्तराखंड सरकार (Uttarakhand Government) में स्वास्थ्य एवं चिकित्सा सचिव अमित सिंह नेगी ने एक पत्र जारी करते हुए कहा है कि, ‘उत्तराखंड के चमोली में 7 फरवरी को आई भीषण आपदा में लापता व्यक्तियों को मृत्यु प्रमाण पत्र (Death Certificate) जारी करने के लिए नियम अनुसार प्रक्रिया निर्धारित की गई है. इस प्रक्रिया के तहत जिस स्थान पर मृत्यु हुई है, उसी स्थान से मृत्यु प्रमाण पत्र वरिष्ठ अधिकारियों की जांच के बाद जारी किया जाएगा. घटना में कुछ शवों की पहचान के आधार पर लापता लोगों को मृत घोषित किया गया है लेकिन उत्तराखंड आपदा (Uttarakhand Disaster) के दौरान जिन का शव अभी तक बरामद नहीं हुआ, ऐसे लापता लोगों को भी अब मृत घोषित किया जाएगा.”
लापता व्यक्तियों की पूरी जानकारी जुटाई जाएगी
सरकार की तरफ से जानकारी दी गई है, लापता व्यक्तियों की पूरी जानकारी जुटाई की जाएगी. इसके तहत उत्तराखंड में रहने वाले वाले स्थानीय व्यक्तियों, घटनास्थल पर काम कर रहे लोगों, दूसरे राज्यों के ऐसे लोग जो अब लापता हो चुके हैं, की पूरी जानकारी जुटाई जाएगी. वरिष्ठ अधिकारियों की संस्तुति के बाद लापता हुए इन लोगों को मृत घोषित कर दिया जाएगा. मृत घोषित किए गए व्यक्तियों के परिजनों को Death Certificate दिया जाएगा, जिसके आधार पर मुआवजा राशि बांटी जाएगी.
इन दो कंपनियों के कई लोग लापता
लापता होने वालों में सबसे अधिक लोग यहां काम करने वाली ऋषि गंगा और ऋषित्वि नामक कंपनियों के कर्मचारी हैं. ऋषि गंगा कंपनी के 53, ऋषित्वि कंपनी के 21 और ऋषित्वि कंपनी की सहयोगी कंपनी के 91 कर्मचारी उत्तराखंड में आए इस बर्फीले तूफान में लापता हुए थे. अभी तक बरामद किए गए 68 शवों में से केवल 35 शवों की पहचान हो सकी है, जबकि 33 शव अभी भी अज्ञात हैं. उत्तराखंड प्रशासन विभिन्न एजेंसियों की मदद से 136 लापता लोगों को ढूंढने के लिए रेस्क्यू अभियान चला रहा है. कीचड़ का रुप ले चुका मलबा यहां राहत एवं बचाव कार्य में सबसे बड़ी रूकावट बन रहा है. राहत एवं बचाव कार्य में लगे अधिकारियों के मुताबिक साफ किए जाने के बाद भी कीचड़ का यह मलबा वापस लौट कर आ रहा है.
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